Gulab ki kheti kaise kare (गुलाब की खेती कैसे करे)

गुलाब की खेती करके कमाए अधिक मुनाफा (गुलाब की खेती करने का एक वैज्ञानिक तरीका)

हमारे भारत देश में शादियों , ब्याहों से लेकर हर खुशनुमा पल में ये फूल अपनी रंगत बिखेरता है। ये न सिर्फ चेहरे पर रौनक लाता है बल्कि जीने का अंदाज भी बताता है । घाटे की मार झेल रहे किसानों के चेहरों पर भी गुलाब बड़ा मुनाफा देकर बड़ी सी मुस्कान बिखेर रहा है। गुलाब की खेती से किसान परंपरागत खेती से कहीं अधिक लाभ कमा रहे हैं।

अच्छा खास मुनाफा कमा रहे हैं। फूलों की बढ़ती मांग और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में बड़ी फूल मंडी उपलब्ध होने से इनकी बिक्री की कोई समस्या नहीं है। जैसे फलों का राजा आम है तो फूलों की बेगम गुलाब है।

गुलाब को कट फ्लावर, गुलाब जल, गुलाब तेल, गुलकंद आदि के लिए उगाया जाता है। गुलाब की खेती मुख्यत: कर्नाटक, तमिलनाडु, महाराष्ट्रा, बिहार, पश्चिम बंगाल ,गुजरात, हरियाणा, पंजाब, जम्मू एवं कश्मीर, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश में अधिक की जाती है।

ये हैं अच्छी किस्में ?

गुलाब की किस्म राजहंस,जवाहर,बिरगो,गंगा सफेद,मृगालिनी गुलाबी,मन्यु,डिलाइट नीला,मोटेजुमा,चार्लस मैलारिन गाढ़ा लाल,फलोरीवंडा समूह की चंद्रमा सफेद,गोल्डन टाइम्स पीला व जगुआर,बटन गुलाब समूह की क्राई-क्राई,देहली स्कारलेट,लता गुलाब समूह के देहली व्हाइट,पर्ल,डीरथा पर्मिन इत्यादि प्रमुख किस्में पाई जाती है ।

भूमि, समय व पौधे लगाने का तरीका ?

जैविक कार्बनिक पदार्थ युक्त अच्छे जल निकासी वाली दोमट मिट्टी जिसका पीएच छह से आठ के बीच हो गुलाब के लिए उपयुक्त रहती है। गुलाब के लिए शुष्क ठंडा दिन का तापमान 20 से 30 डिग्री सेंटीग्रेट वाला मौसम उपयुक्त है। गुलाब को लगाने का समय मानसून के दिनों में जुलाई, अगस्त व सितंबर है। सितम्बर-अक्टूबर में तो यह भरपूर उगाया जाता है। गुलाब लगाने की सम्पूर्ण विधि और प्रक्रिया अपनाई जाए तो यह फूल मार्च तक अपने सौंदर्य, सुगंध और रंगों से न केवल हमें सम्मोहित करता है बल्कि लाभ भी देता है। पौधे लगाने से एक माह पूर्व दो से तीन फुट की दूरी पर दो से ढाई फुट गहरे गड्ढे बनाएं तथा व्यास दो फुट रखें। गड्ढे में पांच किलो गोबर की खाद व 20 मि.ली. क्लोरोपाइरीफोस मिलाकर गड्ढा भरकर पानी लगा दें।

खाद व उर्वरक:-

कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक 20 टन गोबर की गली-सड़ी खाद, 320 किलो यूरिया, 500 किलो सिंगिल सुपर फासफेट,128 किलो म्यूरेट पोटाश प्रति एकड़ पर्याप्त रहता है। यूरिया की आधी मात्रा तथा शेष सभी खाद मध्य सितंबर से मध्य अक्टूबर तक डाल देनी चाहिए। बाकि बची यूरिया एक माह बाद डालनी चाहिए। जिंक, मैगनिशियम व मैगनीज सल्फेट में प्रत्येक का 0.3 प्रतिशत घोल नवंबर व फरवरी में छिड़काव करना चाहिए। सर्दियों में 10 दिन व गर्मियों में पांच-छह दिन के अंतर सिंचाई करते रहें ताकि फूल लगातार लगते रहे ।

जलवायु केसी रहनी चाहिए ?

गुलाब की खेती उत्तर एवं दक्षिण भारत के मैदानी एवं पहाड़ी क्षेत्रों में जाड़े के दिनों में की जाती है। दिन का तापमान 25 से 30 डिग्री सेंटीग्रेट तथा रात का तापमान 12 से 14 डिग्री सेंटीग्रेट उत्तम माना जाता है। गुलाब की खेती हेतु दोमट मिट्टी तथा अधिक कार्बनिक पदार्थ वाली होनी चाहिए। जिसका पी.एच. मान 5.3 से 6.5 तक उपयुक्त माना जाता है।

यदि आपको गुलाब की खेती करने का यह वैज्ञानिक तरीका पसन्द आया हो तो लिंक पर क्लिक करके हमारी एप्लिकेशन को 5★★★★★ रेटिंग प्रदान करे ।

One request?

Mandi Bhav India की टीम आपको मंडी भाव की ताज़ा और सटीक जानकारी देने के लिए बहुत मेहनत करती है।
आपका एक शेयर हमारे लिए बहुत उपयोगी है हमारी इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करके मंडी भाव इंडिया टीम का हौसला बढ़ाए।

Leave a Comment