तर-ककड़ी की खेती कैसे करें ?
आपका स्वागत है! आज हम आपको तर-ककड़ी की खेती के बारे में बताने जा रहे हैं। तर-ककड़ी, जिसे अंग्रेजी में ‘तेल के लिए कुरकुरे फल’ भी कहा जाता है, एक प्रमुख सब्जी है जो भारतीय रसोईघरों में व्यापक रूप से उपयोग होती है। यह ककड़ी परिवार का सदस्य होती है और उत्तर भारत में मुख्य रूप से उगाई जाती है।
बीजाई करने का समय :
इसका बीजाई का समय फरवरी से मार्च खास माना जाता है किंतु अगेती फसल लेने के लिए पॉलिथीन की थैलियों में बीज की जनवरी के महीने में बीजाई की जा सकती है । ओर पौध सहित इन थैलियों को जमीन में गाड़ दिया जाता है ।
बीज की मात्रा कितनी लेवें :-
1 एकड़ भूमि में तर-ककड़ी बोने के लिए मूलरूप से एक किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है ।
पौध तैयार कैसे करें :-
तर-ककड़ी को लगभग सभी प्रकार की भूमि में उगाया जा सकता है लेकिन इसके लिए दोमट मिट्टी वाली भूमि सबसे उपयुक्त मानी जाती है, जिसमे जल निकास की सुविधा अच्छी हो । भूमि की तैयारी के समय गोबर की देशी खाद मिलायें व खेत की 3-4 बार जुताई करके सुहागा लगाना चाहिए ।
बिजाई करने का तरीका :-
तर ककड़ी की बीजाई कम से कम 2 मीटर चौड़ी क्यारियों में नाली के किनारों पर करनी चाहिए | पौधे से पौधे का अंतर 60 सेंटीमीटर रखें । एक स्थान पर 2-3 बीज बोयें ताकि एक बीज नही उगा तो दूसरा तो उग ही जाएगा । बाद में एक स्थान पर एक ही पौधा रखें ।
खाद व उर्वरक कैसे दें :-
गोबर की खाद – 6 टन , नाइट्रोजन – 20 किलोग्राम, फॉस्फोरस – 10 किलोग्राम और पोटाश – 10 किलोग्राम । बीजाई के समय फॉस्फोरस व पोटाश की साड़ी मात्रा तथा नाइट्रोजन की आधी मात्रा डालनी चाहिए । शेष नाइट्रोजन को कड़ी फसल में दें ।
फलों की तोड़ाई :-
नरम व चिकने फलों को प्रातः अथवा शाम के समय तोड़ लिया जाता है । तोड़ते समय फलों की लम्बाई 15-30 सेंटीमीटर होनी चाहिए । अगेती फसल से अच्छे दाम प्राप्त करने के लिए फलों को कुछ पहले तोड़ लेना चाहिए। जबकि पछेती फसल के फल कुछ देर में तोड़े जाते हैं ।तर-ककड़ी की औसत पैदावार 40-50 क्विंटल प्रति एकड़ होती है जो सर्वश्रेष्ठ अधिक पैदावार मानी जाती है ।
अगर आपको यह वैज्ञानिक तरीका पसन्द आता है तो आप हमें प्ले स्टोर पर 5★★★★★ रेटिंग देकर अपने तथ्य बता सकते है ।